ओरिजिनल लव पार्ट 5
क्लास में बहुत सारे लड़के लड़कियां बैठे हैं धर्मेंद्र और कालू को आगे की बेंच पर, जगह मिल जाती है, इसलिए वह दोनों, वही बैठ जाते हैं और दोनों बार-बार पीछे मुड़कर गरिमा को ढूंढते हैं पर उन्हें वह दिखाई नहीं देती है
तभी सर आते हैं धर्मेंद्र उन्हें देख लेता है और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखता पर कालू को सर का पता नहीं है, इसीलिए वह अभी भी पीछे मुड़कर देख रहा है और वह धर्मेंद्र से बोला -"सबसे पीछे वाली बेंच पर बैठी है, तेरी कलेक्टरनी"! कालू ने कहा
सर ने उसके सिर पर मारा और पूछा -"कौन बैठी है, पीछे"? "अगले महीने, तुम्हारे यूपीएससी के एग्जाम है और तुम देखा-देखी में लगे हो, ऐसे पढ़ाई करोगे तो कलेक्टर तो बहुत दूर, कलेक्टर के कुत्ते भी नहीं बन पाओगे, चलो,,खड़े होकर बताओ, कलेक्टर बनने की प्रक्रिया क्या है"? सर ने पूछा
कालू खड़ा होकर कहता है -"सर"! "नहीं पता, आप बताओ"?
सभी हंसते हैं
फिर कालू को दोनों हाथ में एक-एक डंडा पड़ता है फिर सर धर्मेंद्र से पूछते हैं -"तुम खड़े होकर बताओ"?
"ग्रेजुएशन के बाद, कोई भी कलेक्टर की पढ़ाई कर सकता है, कलेक्टर बनने के लिए, सबसे पहले यूपीएससी एग्जाम देने पड़ते हैं, इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं, (1) पहला पेपर-सामान्य ज्ञान का और (2) दुसरा पेपर-सिविल सर्विस, एप्टीट्यूड का, अगर इसमें पास हो जाते हो तो फिर आपको मेंन एग्जाम देना होता है, जिसमें (9) पेपर होते हैं"! धर्मेंद्र ने कहा
"बस,,बस,,बस"! सर ने धर्मेंद्र को रोकते हुए कहा
तभी तालियां बजने लगती है और गरिमा, धर्मेंद्र की और आकर्षित होती है पर वह पीछे बैठी है, इसलिए धर्मेंद्र को देख नहीं पाती
"तुम्हारा नाम क्या है"? सर ने पूछा
"धर्मेंद्र चौधरी"!
"क्या तुम रामपुर से हो"? सर ने पूछा
"हां,,,,,"सर"!
"स्टूडेंट, धर्मेंद्र चौधरी के लिए, एक बार और तालियां बजाओ, क्योंकि इन्होंने 10वीं और 12वीं में 80% से ज्यादा अंक लाकर, हमारे जिले का नाम रोशन किया है"!
फिर सभी तालियां बजाते हैं
कुछ देर बाद धर्मेंद्र फिर पीछे मुड़कर देखता है तो सर कहते हैं -"धर्मेंद्र"! "पीछे मत देखो, अपना फोकस बोर्ड पर रखो"!
कुछ देर बाद
धर्मेंद्र फिर पीछे मुड़कर देखता है और फिर उसे सर देख लेते हैं -"पीछे क्या तुम्हारी बहन बैठी है, जो बार-बार देख रहे हो"? सर ने गुस्से में कहा
"नहीं सर,,,गर्दन अकड़ गई है उसे ठीक कर रहा हूं"! धर्मेंद्र ने कहा
"हो गई, ठीक"! सर ने पूछा
"हां,,,,,हो गई"!
"ठीक है, अब पीछे मत देखना"! सर ने गुस्से में कहा
फिर धर्मेंद्र पीछे मुड़कर नहीं देखता है,क्लास चलती रहती है, जब क्लास खत्म हो जाती है और सर चले जाते हैं
तब धर्मेंद्र पीछे मुड़कर देखता है और कहता है -"कालू"! "पीछे तो कोई भी नहीं है"?
"वह सभी, पीछे के दरवाजे से चले गए, चल, बाहर जाकर ढूंढते हैं"! कालू ने कहा
वह दोनों बाहर आकर गरिमा को इधर-उधर ढूंढते हैं पर वह नजर नहीं आती है फिर दोनों थके-हारे साइकिल से वापस अपने गांव आते हैं तब धर्मेंद्र कहता है -"जिस लड़की को देखने में इतनी दिक्कत आ रही है, उसे पाने में पता नहीं कितनी दिक्कत आएगी, किसी ने सही कहा है, प्यार आग का दरिया है, जिसे तैर कर जाना है"!
"अरे,,,,टेंशन मत ले, कल शिवरात्रि है, इसलिए वह कल शिव मंदिर जरूर आएगी, कल तुझे उसके दर्शन, जरूर करा दूंगा"! कालू ने उम्मीद से कहा
फिर धर्मेंद्र अपने घर आता है तो उसकी बहन कहती है -"युं तो बड़ा होशियार बनता है और एक लड़की से डर गया, उसने तुझे चप्पल चोर कहा और गालियां दी और तू, चुपचाप गूंगे-बहरे की तरह सुनता रहा, मेरी सहेली ने तेरी पूरी सच्चाई बता दी है, नाक कटाने दी तुने, मेरी"!
"अरे,,,, वो तो लड़की थी, इसलिए छोड़ दिया, अगर लड़का होता तो उसकी हड्डी पसली, तोड़ देता"! धर्मेंद्र ने कहा
"कल शिवरात्रि है, वह मंदिर जरूर आएगी, मुझे मिलवाना उस से, उसकी अक्ल ठिकाने ला दूंगी"! राधा ने कहा
"धर्मेंद्र"! "राधा कह रही थी कि तू, दो-तीन दिन से पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान नहीं दे रहा है"! पिता ने कहा
"मम्मी कह रही थी आप भी आजकल, उन पर ध्यान नहीं दे रहे हो"! धर्मेंद्र ने कहा
"आखा दिन तो थारी मां पे ध्यान दू, हूं, तुझे दिखाई नहीं देता"! पिता ने कहा
"मेरा ध्यान भी हमेशा पढ़ाई पर रहता है, आपको दिखाई नहीं, हर क्लास में 80 परसेंट से ज्यादा, नंबर लाता हूं, सर-मैडम की नजर में हीरो हूं, हीरो,, और तुम, मम्मी की नजर में आज भी जीरो हो"! धर्मेंद्र ने कहा
'ज्यादा जबान, मत चला, नहीं तो जिबान काट दूंगा"! पिता ने कहा
"तुम भी राधा की हर बात मानना बंद कर दो, नहीं तो जान बूझकर फेल हो जाऊंगा और दाड़की करने जाऊंगा, तुम्हारी नाक कटा दूंगा"! धर्मेंद्र ने कहा
"तुझे तो समझाना हीं बेकार है, जा गाय-भैंस को चारा पानी, डाल दे"! पिता ने जाते हुए कहा
अगले दिन
सुबह
"अरे धर्मेंद्र,,,6:00 बजे उठकर तैयार हो गया"! मां ने पूछा
"आज शिवरात्रि है ना, इसलिए"! धर्मेंद्र ने बताया
"शिवरात्रि दिन है, तो रात में क्या है"? मां ने पूछा
"मम्मी,,,सुबह-सुबह सवाल के पहाड़ खड़े मत करो"? धर्मेंद्र ने विनती की
"पहाड़ पर तो माता रानी रहती है, भोलेनाथ ने भी प्लाट ले लिया है क्या"? मां ने पूछा
"मम्मी,,,क्या सुनती हो और क्या कहती हो"? धर्मेंद्र ने चीढ़ते हुए कहा
"क्या-क्या बंद कर और सच बता, आज शिवरात्रि है या नवरात्रि है"? मां ने फिर पूछा
"मुझे नहीं पता"! धर्मेंद्र ने कहा
"नहीं पता है तो पता करके बताओ"! मां ने कहा
"ठीक है, मैं पता करके, कल तक बता दूंगा"! धर्मेंद्र ने कहा
"कोई जल्दी नहीं है, भले परसों तक बता देना"! मां ने हंसते हुए कहा
फिर धर्मेंद्र अपनी बहन के मुंह पर पानी डालता है -"वो मेरी जानी दुश्मन, मंदिर पहुंच गई होगी और तू अभी तक सोई है, चल फटाफट तैयार हो जा"! धर्मेंद्र ने कहा
"यह बात, बिना पानी डाले नहीं बोल सकता था"! बहन ने भी पास पड़ा लोटा धर्मेंद्र पर उड़ेलते हुए कहा
"कम दिमाग, मंदबुद्धि, पूरा गीला कर दिया, फिर कपड़े बदलने पड़ेंगे"! धर्मेंद्र ने कपड़े साफ करते हुए कहा
कुछ देर बाद
धर्मेंद्र, राधा और कालू शिव मंदिर आते हैं और सबसे पहले उसे मंदिर में ढूंढते हैं और दर्शन भी करते हैं वह मंदिर में तो नहीं मिलती है फिर तीनों बाहर आते हैं और कालू कहता है -"मैं उधर जाकर ढूंढता हूं, तुम दोनों उसे इधर जाकर ढूंढो"!
कालू बाई तरफ चला जाता है और धर्मेंद्र और राधा दाई तरफ ढूंढते हैं